CIBIL Score Vs CIBIL Rank: जब भी हम इंडिविजुअल या बिजनेस फर्म के लिए लोन अप्लाई करते हैं, तो सिबिल स्कोर (CIBIL Score) और सिबिल रैंक (CIBIL Rank) जैसे टर्म सामने आते हैं. ये टर्म इसलिए जरूरी हो जाते हैं क्योंकि इनके आधार पर यह तय होता है कि लोन मिलेगा या नहीं और मिलेगा तो उसकी ब्याज किस रेंज में हो सकती है. ऐसे में आइए समझते हैं सिबिल स्कोर और सिबिल रैंक में 4 बड़े अंतर ...
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CIBIL Score Vs CIBIL Rank
सिबिल स्कोर से किसी व्यक्ति का क्रेडिट हेल्थ बताता है. इसके लिए व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री देखी जाती है. वहीं, CIBIL रैंक भी क्रेडिट रिपोर्ट (CCR) होता है. यह कंपनी के टर्म में लागू होता है.
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CIBIL Score Vs CIBIL Rank: क्या है पैमाना
सिबिल स्कोर इंडिविजुलअल कंज्यूमर के लिए लागू होता है. जबकि सिबिल रैंक कंपनियों के लिए होता है. सिबिल स्कोर बेसिकली तीन डिजिट का नंबर होता है, यह 300 से 900 के बीच में होता है. जितना ऊपर होगा, उतना अच्छा होगा. वहीं, सिबिल रैंक 10 से 1 के स्केल में दिया जाता है, जहां 1 वह टॉप रैंक है.
सिबिल स्कोर किसी व्यक्ति को उसकी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर जारी किया जाता है. जबकि सिबिल रैंक 50 करोड़ रुपये तक के क्रेडिट एक्सपोजर वाली वाली कंपनियों के लिए उपलब्ध है.
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CIBIL Score Vs CIBIL Rank: कैसे होता है कैलकुलेशन
सिबिल स्कोर इंडिविजुअल के क्रेडिट हिस्ट्री, रिपोर्ट और रेटिंग तय की जाती है. वहीं, CIBIL रैंक की कैलकुलेट करने का प्रमुख पैरामीटर पिछले रिपेमेंट और क्रेडिट यूजेज हैं.
(नोट: यह जानकारी CIBIL की ऑफिशियल वेबसाइट से ली गई है.)
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